Alovera ka use kaise kare...??

 "Alovera" क्यो माना जाता है। हर बीमारी का रामबाण ईलाज आईये जानते हैं। इसका साइंटिफिक रिजन।

"Alovera"जिसे सामान्य भाषा में ग्वारपाठा भी कहा जाता है।इसकी उत्पति उत्तरी अफ्रीका से मानी जाती है यह आषधिये पोधो में सबसे अधिक महत्व रखता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में एलोविरा-बारबाङेसिंस कहा जाता है और संस्कृत भाषा में इसे घृत कुमारी(घी कंवर) की संज्ञा दी गई है। एलोवेरा के लिए समान्यता "Aloe" शब्द प्रयुक्त किया जाता है । जो कि अरबी भाषा से ताल्लुक रखता है ।


"Alovera"एक प्रकार का बहुवर्षिय मांसल पौधा है। जिसका उपयोगी भाग इसकी मांसल पतियाँ होती है।

एलोवेरा उपयोग कहाँ होता है।

Aloevera अन्टी बैक्टरियल होता है। का  सबसे बडा मार्केट सोंदर्य प्रंसाधन क्षेत्र में हैं। त्वचा सम्बधित रोगों के इलाज में,इसके अलावा कैंसर के ईलाज में भी इसका काफी अच्छा प्रभाव देखा गया है।

Aloevera गर्म तासीर का होता है इसलिए इसका उपयोग अस्थमा वह डायबीटीस मेंरिज को एलोवेरा जूस पीने कि सलाह दी जाती है इसके अलावा चोट मोच की जल्दी ठीक करनें में भी बहुत उपयोगी साबित हुआ है।

उपयोगिता के पीछे साइंटिफिक रिजन क्या है।

इसके इतसे सारे आषधिये गुणों के पीछे के विज्ञान को समझें जो पता चलता है कि एलोवेरा में लगभग 200 प्रकार प्लांट ऐल्केलोइड पायें जातें हैं। जिनमें से 1.Aloin 2.barbaloin दो मुख्य ऐल्कलोइड हैं जो कि "moisturizer agent" का काम  करते हैं इस तरहें से यह हमारी त्वचा को moisture रखनें में अहम् भूमिका निभाते हैं। ग्लुकोमेनन नाम का ऐल्केलोइड चौट-मोट में बहुत उपयोगी साबित हुआ है ।

Aloevera के साइड इफेक्ट क्या क्या है।

1.एलोवेरा के सीधे जैल को उपयोग में लेते हैं तो आपको एलर्जीक इफेक्ट देखने को मिलता है।

2.पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।

3. डिहाईड्रशेन हो सकता है।

4.ब्लड में शुगर का स्तर घिर सकता है।

5.लिवर को नुकसान ।

6.प्रेग्नेंसी में दिक्कत etc.





भारत ने रचा इतिहास मिशन चन्द्रयान-3 हुआ सफल। पुरी जानकारी के लिए पढें यहाँ ।

 भारत ने रचा इतिहास,मिशन चंद्रयान-3 हुआ सफल,अन्तरिक्ष में भारत कि ऐतिहासिक जीत।

आज भारत नें अन्तरिक्ष के क्षेत्र में बहुत बंडी उपलब्धि हासिल कर ली है । जी हां चंद्रयान-3 ने चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है । ओर विश्व में ये उपलब्ध हांसिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया है। वह दक्षिणी द्रव पर लैंड करनें वाला पहला देश बना है । इस से पहले ये उपलब्धि अमेरिका, रुस,और चीन के पास थी।

चंद्रयान-3 ने 14 july 2013 को सफलतापूर्वक लांच किया गया था। जो कि ठीक 41 दिनों के बाद 23 August 2023 06.04 PM पर चन्द्रमा के दक्षिणी द्रव पर लैंड किया है। अब  चन्दा मामा दुर  के नहीं रहें,अतः हम कह सकते हैं कि चन्दा मामा पास के।

इसी के साथ ही आज भारत नें विश्व में एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। वही भारत के पडोसी पाकिस्तान जैसे कहीं देशों के लिए आज भी ये एक सपने जैसे ही है । ना जाने ये उपलब्धि हासिल करने में और इन्हे  कितना वक्त लगेगा। अब भारतियों के लिए स्पेस के क्षेत्र में अलग नजर से देखा जायेगा वही आनें वाली पीढी के लिए ये एक नया दरवाजा खोल दिया है।जहां बच्चे आपना फ्यूचर देख सकते हैं ।


नरेन्द्र मोदी वह इसरो डायरेक्टर सहित तमाम स्पेस एजंसियों ने इस महत्वपूर्ण पल के साक्षी बने,वह बधाईयाँ दी है।

चन्द्रयान मिशन सिर्फ एक मिशन नहीं है। एक सौ तीस करोड़ जनता कि feeling हैं एक आशा है।ये भारतीय वैज्ञानिकों की सालों कि मेहनत है ।

चंद्रयान-3 कि मदद से चाँद पर जीवन के नई सम्भावनाओं के तलाशने व विभिन्न प्रकार के खनिज वह वहां के वातावरण कि कन्डिशन को समझने सहयता होगी ।

अब हम कह सकते हैं कि भारत दुनिया कि चौथी महाशक्ति बन गया है। भारत अब किसी भी मामले में दुनिया से पीछे नहीं रहा है,छाये वो स्पेस हो सैनिक शक्ति हो कृषि क्षेत्र हो।

 हम आशा करते हैं कि भारत ऐसे ही नई-नई उपलब्धियां हासिल करता रहे और दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाता रहे।








ऐसें करें मेसेज लडकी तुरंत देंगी😂😂 रिप्लाई।

 क्या आपको भी लडकियां डायरेक्ट मेसेंज का रिप्लाई नहीं देतीं तो ऐसे करें मेसेंज तुरंत देंगी रिप्लाई।

आज कल हर कोई ऑनलाइन प्लेटफाॅरम facebook ,Instagram, what's app पर अपना बहुत समय वतीत करतें हैं और ऐसे में हर कोई चाहता है यहां उनकी भी कोई girl's friend या boy friend हो या कोई अच्छा friend।परन्तु सोशल मीडिया पर हर कोई एक दूसरे से अनजान होते है। ऐसे में कोई भी आपको यहाँ रिप्लाई देना ठीक नहीं समझता है। हम आज के इस "bloge" में कुछ ऐसे ही समान्य  genuine तरीकों पर बात करेंगे जिन्है आप फोंलो करेंगें तो आपको इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेंगा।
ladki kaise patay..??


तो आईये जानतें हैं ऐसे ही कुछ प्रचलित तरीकों के बारे में जो आपको 100% रिप्लाई की गारंटी देते हैं ।

body shaming massages करें:- जी हां बिल्कुल सही पढा आपने,लडकियों को body shaming बिल्कुल पसंद नहीं होती ऐसे में यदि आप  body shaming से रिलेटिड मेसेज जैसे कि वो फिट होते हुये भी उसे hello motu,hey golu जैसे मेसेज करें। लडकिं तुरंत Reply देंगी ।


hey,hello नहीं बोलें :- सही समझा आपनें कभी भी unknown pereon को direct hey, hello ना बोलें। इनके स्थान पर आप बोले हैलो कल मैंने आपको वहां देखा था, कल आपने green top पहना था। छाय वो जुट मुट ही क्यों ना हो लडकी रिप्लाई करके पूछना जरूर छायेगी


बार-बार मेसेज ना करें :- यदि आपको भी है रिप्लाई नहीं आने पर बार-बार मेसेज करनें कि आदत है तो ऐसा बिल्कुल ना करें। ये लडकियों को बहुत"irritate" करता है।

लडकियों को डबल मिनिंग मेसेंज ना करें :- अनजान लडकियों से बात करते समय ज्यादा डबल मिनिंग बातें ना करें। ऐसा करने पर लडकियां आपको चीप टाइप समझेगी और आपके गलत इरादे नजर आते हैं । ऐसे मे वो आपको जल्दी ही कर देतीं हैं टाटा बाय बाय।

काम का बहाना बनायें :- यदि आप लड्की के profusion या study के बारे थोडा सा भी जानकारी रखते हैं तो उसी से रिलेट करके ही मैसेज करें। जैसे कि क्या आप मुझे इस profusion के बारे में outlet बाता सकतें हैं क्या आप मेरी study में help कर सकतें हैं etc.

एकदम से ज्यादा चिपके नहीं :- बात करते समय इस बात का ध्यान  रखें कि लडकि आपसे बात करने में कितना दिलचस्पी दिखा रहीं उसी हिसाब से बात करें ज्यादा चैप ना बनें ।

friend relation खोजें :- friend को रिलेट करके मेसेज करें  लड्की यदि बिल्कुल अनजान है तो उसकी friend list में जाकर एक अच्छी सी friend का नाम देख लें ओर फिर आप मेसेज में बोल सकते हैं क्या आप उसे जानते है या आप उसे कैसे जानते हो etc.

Location पूछें :- जी हां सही सुना अनजान लडकियों को यदि आप डाइरेक्ट उनकी लोकेशन से जुड़े मेसेज जैसे कि "क्या आप "राजस्थान" से है,करेंगे तो भी रिपलाई जरूर करेंगी।

लडकियों से बात कैसे करें। रखें इन बातों का ध्यान ।

 लडकियों से बात करते समय रखें इन बातों का ध्यान,नहीं तो कर देगी टाटा बाय बाय।

यदि  आप भी रिलेशनशिप में हैं। और अपने रिस्तें को लम्बा बनायें रखना चाहते हैं। तो खासतौर पर इन नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें नहीं तो जल्दी ही प्यार की पिच पर क्लीन बोल्ड हो जाओगे।

लडकियों से बात कैसे करें ।

एक ही बात पकड कर ना बेटे रहे:- जी हा यदि आप भी एक ही बात को पकड कर बेटे रहते हैं  या एक बात को बार दोहराते हैं । तो ये लडकियों को बहुत इरिटेटिंग लगता है। और आपकी बातों से लडकियां बहुत जल्दी उबने लगतीं हैं।

लडकियों से बात कैसे करें ।

नये-नये टोपिक पर बात करें :- एक ही टापिक पर बार बार बात करना भी कहीं बार लडकियों को इरिटेट करता हैं। ओर इस से आपकी सोचनें समझें कि क्षमता का भी  उनकों अंदाजा लग जाता है।

हर समय उपलब्ध ना रहे :- हर समय उपलब्ध रहना भी ठीक नहीं है। इस से आपका वल्यू तो कम होता ही है साथ ही ये भी पता चलता है कि आप कैरियर को लेकर कितना सीरियस हैं।

लडकियों से बात कैसे करें ।

हर समय सीरियस बातें ना करें:- जी हां हर समय सीरियस बातें आपकें पार्टनर को बोरिग भी कर सकतीं हैं। इसलिए बीच-बीच में मजाकिया बातें भी करतें रहे। इससे आपका पार्टनर बोरिग भी नहीं होगा ओर मुंड भी अच्छा रहेगा।

सामने वाले को भी कहने का मौका दे :- हा सही पढा आपनें हर समय अपना ही गुणगान ना करें। ये आपके पार्टनर को बहुत ज्यादा बोरिगं करता है। साथ ही आपका घंमडिया रवैया दिखाई पडता है। इसलिए सामने वाले को अपनी बात रखनें का मौका दे।

लडकियों से बात कैसे करें ।

हद से ज्यादा रोमांटिक बातें ना करें :- जी हा हद से ज्यादा रोमांटिक बातें करना भी भारी पढ सकता है आपको,और इससे आपका रिस्ता जल्दी ही किनारे पर पहुंच सकता है। क्योंकि ज्यादा रोमांटिक बातें करनें से आप दोनों का एक-दूसरे के प्रति दिलचस्पी जल्दी ही खत्म हो सकता है।

लडकियों से बात कैसे करें ।

पार्टनर के पसंदीदा टाॅपिक्स पर ज्यादा बात करें :- जी हां आप यदि ऐसा करते हो तो आपका पार्टनर भी बात करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाता है। और आपके पार्टनर को ये भी लगेगा की आप उनका कितना ख्याल रखते हैं ।

लडकियों से बात कैसे करें ।


आखिर लडकों कि इस हालत का जिम्मेदार कौन ।

 आखिर लडकों कि इस हालत का जिम्मेदार कौन ?

आज के समाज मे लडकियों का जो रूप निकलकर सामने आ रहा उस से हर कोई परेशान है। छाये वो सीमा हैदर का कैश हो जिसमें वो प्यार के चक्कर में अपनें  चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत आ पहुंची है। वहीं दूसरी ओर ज्योति मोर्या का कैश भी आपसे छिपा नहीं है। 

आज के इस ब्लाग में हम इन्ही सब मामलों पर बात करंगे आप अपनी राय नीचे कमेंट्स बाक्स में शेयर कर सकतें हैं ।जिससे हमें आने वाले अगले ब्लाग और ज्यादा पारदर्शिता लाने में सहायता मिलेंगी।

समान्यता लडकियां दो टाइप कि होती है।

पहली वो सच्च में आपसे प्यार करती है दुसरी वो जो पैसो से प्यार  करती है ।

यदि आपको सच्चा प्यार चाहिए तो आपका शारिरीक रूप से बहुत सुंदर होना जरूरी है। यदि आप शारिरीक रूप से बहुत सुंदर नहीं हो तो सच्चा प्यार मिलना मुश्किल है यहीं जीवन कि वास्तविकता है।

दुसरी ओर वो जो पैसों से प्यार करती है। पैसों से प्यार करनें वालीं कभी आपसे प्यार नहीं करेगी। वो प्यार का दिखावा करेंगी । इस तरह कि लडकियां जब तक आपके पास पैसे है तब तक ही उनका प्यार परवान चढेगा,जिस दिन पैसा खत्म समझों प्यार भी खत्म। जैसा कि ज्योति मोर्या के कैश में देखा था। जब तक वो जाँब नहीं लेंगी उसे आलोक कि चपरासी कि नौकरी वालीं सैलेरी भी पसंद थीं।ओर जैसे ही वों SDM बनीं उसे वो सैलेरी छोटी लगने लगीं ।

अब कुछ लोग कमेंट्स करेंगे की सच्चे प्यार में ये सब नहीं होता, प्यार-प्यार होता है। तो आपको बताना चाहता हूं। उस तरंह का प्यार सिर्फ पुरानी पिक्चर में या हजारों में से एक को होता है । जैसा कि सीमा हैदर और सचिन के कैश में देखने को मिलता है।

वास्तविकता में  देखा जाये तो अब लडकों का समय  राह ही नहीं अब लडको का बाजार में बिकने का समय आ गया है। लडकिया इस्टांग्राम,फेसबुक,स्नैप चैट सब जगहें अपना नंगा जिस्म दिखा दिखा कर। हर तरफ ऐसा लग रहा है जैसे फिर से आदिम काल में प्रवेश कर गयें हैं जब इंसान नग्न रहा करता था।जैसे कि सोसियल मीडिया पर कब्जा कर लिया हो। लडके लार टपकाते टपकाते पहुंच जाते है उनका नंगा नाच देखने ।

ये सोसिअल मिडिया लडको के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है ।चाहे आप मनों या ना मानों। अभी भी वक्त है लडकों अपने आप पर ध्यान दें वरना आने वाले समय में घर के बर्तन धोने के लिए तैयार रहें ।

आज तक फिमेल कम्यूनिटी पुरूष पर ये आरोप लगातीं आई है कि हमारे साथ धोखा करतें हैं। लडकें एक साथ चार-चार गर्ल फ्रेंड रखते हैं।एक बात बताओ 2011 के जनगणना के अनुसार भारत में लिंगानुपात कितना है। आपको नहीं पता तो में बता दू । 2011 कि जनगणना के अनुसार भारत में लिंगानुपात 919 प्रती एक हजार पुरूष था। फिर मेरी गणित से तो धोखबाज लडकिया हुई। कयोंकि एक लडकें के चार गर्ल फ्रेंड के हिसाब से तो प्रती एक हजार पुरूष 4000 महिलाएं होनी चाहिए। लेकिन ऐसा तो नहीं है। इसके मतलब एक लडकी चार-चार चला रही हो तभी ये सम्भव हो सकता है। अब आप ही समझ जाओ कौन किसको धोखा  दे रहा है ।

 लडकों कि इस हालत कें ये है महत्वपूर्ण कारण ।

पहला कारण:- इनका लडकियों के लिए आवश्यकता से अधिक उपस्थित  उपलब्धरहना है। जो कि सबसे महत्वपूर्ण कारण में से एक है।

दुसरा कारण:- ये है लडकियों को लडकों कि बजाय सोसियल मीडिया पर अधिक पसंद किया जाता है। जिससे लडकियों को इन क्षेत्रों में करियर बनाने में कोई दिक्कत नहीं आता है। वही दूसरी ओर लडके इन मामलों में लडकियों से बिछड़ते जा रहे हैं।

तीसरा कारण:-सरकारी नौकरी में अब पुरूषोों का कॅरियर सैफ नहीं है यहा भी महिलाओं को 30% आरक्षण हैं। यहां  भी अब पुरूष बिछड़ते जा रहे हैं। कार्ट सज्जा नहीं देता और जहां हार्ड वर्क कि जरूरत है। वहा मशीनरी आ गई हैं। वास्तविकता में देखां जाये तो आज हर तरफ से पुरूष कम्यूनिटी बिछडती जा रही है।

चैथा कारण:- प्राइवेट सेक्टर में या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में  लडकों के मुकाबले लडकियों को  ज्यादा अहमियत दि जातीं हैं । कयोंकि लडकों कि बजाय लडकियां युवा कस्टमर को ज्यादा आकर्षित करती हैं । वास्तविकता में देखां जाये तो आज हर तरफ से पुरूष कम्यूनिटी बिछडती जा रही है। अब वो दिन दुर नहीं जब पुरूष सिर्फ इस्तेमल कि वस्तु बन कर रहे जायेगा।

यदि आपको मेरा ये ब्लाक आया तो कृपया करक  इसे आगें से आगे शेयर कर प्लीज ताकि ये जानकारी सभी तक पहुंच सकें ।




 



what is eye flue

 आई फ्लू क्या है।ओंर आखिर क्यो इतना फैल रहा है।कैसे करे इससें बचाव आईये जानतें हैं

आई फ्लू जिसे विज्ञान कि भाषा में कंजक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है। ये ज्यादातर मौसमी बदलाव से होने वाला आई संक्रमण है।


जो कि उम्र के किसी भी पढाव में हो सकती है ।परंतु छोटे बच्चो को अधिक प्रभावित करती है।इस बीमारी का मुख्य कारण एलर्जीक रियेक्शन है ।

कैसे फैलता है,आई फ्लू ।

आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है।ये संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से या उस से आई कान्टेक्ट करने या संक्रमित व्यक्ति के आँसू से फैलता है ।

आई फ्लू के लक्षण क्या क्या है ।

आई फ्लू के मुख्य लक्षण है,आंखो का लाल हो जाना,सुजन आना,आंखो में जलन होना,आंखो में हल्का दर्द रहना।

आई फ्लू ठीक होने कितना समय लगता हैं ।

अगर सावधानी रखें और साधारण चिकित्सा करतें रहे तो तीन से सात दिन में ठीक हो जाता है।ओर आपके आस पास चिकित्सक को जरूर दिखाएं ।फिर भी ठीक ना हो आई स्पेलिस्ट से सलाह ले तुरंत कयोंकि ये अन्य बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं ।

आई फ्लू ठीक करने के घरेलू उपाय ।

गर्म कपडे से सिकाई:- एक साफ सुती कपडा ले ओर उसे गुनगुनाने पानी में भींगो कर निचोड़ कर हल्के हाथ से आंखो कि सिंकाई करें। इससे आंखो कि सुजन जल्दी से कम हो जायेगी ।यदि सुजन ज्यादा हो तो आईसक्यूब को टिस्यू पेपर में लपेटकर सिकाई करे,ये आंखो को तुरंत आराम देगा।

आयुर्वेदिक नुस्खे से कैसे ठीक करें ।

आपके घर में या आस पास कही फिटकरी का टुकड़ा मिल जायेगा। उसे थोडी देर के लिए पानी में भींगो दे फिर निकाल कर उस से जो पानी कि बूंदे टपक रहीं हैं। उसमें से एक एक बुद दोनों आंखो में डाल ले दिन में दो तीन बार ऐसा करें, आँखे बिल्कल ठीक हो जायेंगी ।

फिटकरी में अंटी बैक्टीरियल प्रापर्टीज पाईं जातीं हैं । जो आंखो को किसी भी तरह के संक्रमण से मुक्त करनें कि काबिलियत रखतीं हैं ।


different between gram positive and gram negative bacteria

ग्राम सकारात्मक और ग्राम नकारात्मक जीवाणुओं में अन्तर ।

प्रकृति में विभिन्न प्रकार के जीवाणु पाये जाते हैं।इन सभी जीवाणुओं का एक साथ अध्ययन करना मुश्किल भरा काम है ।इसलिए इनके अध्ययन को आसान बनाने के लिए इनकी प्रगति,आकार, प्रजनन, भोजन का प्रकार, कोशिका भित्ति के आधार पर इनको अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है।इसी तरह से जीवाणुओं को उनकी कोशिका भित्ति के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया है ।

1.ग्राम सकारात्मक
2.ग्राम नकारात्मक 

  • ग्राम सकारात्मक जीवाणु:- ग्राम सकारात्मक जीवाणुओं कि कोशिका भित्ति 200 A° से 300 A° तक मोटी होती है । जो कि पोलीपेपटाइड् से बनी एकल चिकनी परतीय होती है।इसमें 85% म्यूकोपेप्टाइड् एवं 1-2 % लिपिडस् पाया जाता है। ग्राम सकारात्मक जीवाणुओं में टइकोईक एसिड उपस्थित होता है।एवं बहारी झिल्ली अनुपस्थित। ये एंटीबायोटिक के प्रति अधिक संवेदनशील होती है । ग्राम स्टैनिग करने पर ये क्रिस्टल वाँयलेट के बैगनी रंग को नहीं छोड़ती हैं । क्योंकि इसकी कोशिका भित्ति  पॉलिपेप्टाइड कि मोंटी परत से बनी होती है। जो क्रिसटल वाँयलेट के रंग को छोड़ने नहीं देती है। ओर ग्राम सकारात्मक एवं जीवाणुओं को सूक्ष्मदर्शी से देखने पर वह बैगनी रंग के दिखाई देते हैं।ओर ये गोल व बीजाणु बनाते हैं ।

उदाहरण:- ,लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया, बिफिडो बैक्टीरिया,स्टेफाइलोकोकस बैक्टीरिया, क्लोस्टडियम बोटूलिनम,

  • ग्राम नकारात्मक जीवाणु:-ग्राम नकारात्मक जीवाणुओं कि कोशिका भित्ति 100-200 A° मोटी होती है।ओर म्यूकोपेप्टाइड 10-12% व लिपिडस् 80-90% तक पाया जाता है ।ग्राम नकारात्मक जीवाणुओं में टइकोईक अम्ल अनुपस्थित होता है ।वह बहारी झिल्ल उपस्थित रहतीं हैं ।ये एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधक होती है,क्योंकि इसकी भित्ति अभेद्य है ।ग्राम स्टैनिग करने पर ये क्रिसटल वाँयलेट के रंग को छोड़ने देते हैं ।वह कलरलैस हो जाते हैं ।कयोंकि इनकी कोशिका भित्ति बहुत पतली होती है।जो कि क्रिसटलवाँयलेट के बैगनी रंग को नहीं पकड़ पातीं है ।ओर क्रिसटल वाँयलेट का बैंगनी रंग एल्कोहल से धोनें पर बहार निकल जाता है । ये बीजाणु नहीं बनाते हैं।
 उदाहरण:- एसिटिक एसिड बैक्टीरिया,जाइमोमोनास,
          जन्थौमोनास,सुडोमोनास, साल्मोनैला,आदि ।



क्रिप्टो करेंसी क्या है,इन्वेस्ट करे या नहीं करे.?इन हिंदी

क्रिप्टोक्रेंसी क्या है, इन्वेस्ट करना चाहिये या नहीं ,  क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक प्रकार की डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जो कंप्यूट...