लव-इन रिलेशनशिप का क्या अर्थ है, क्यो इतना चर्चा में हैं ।
अज कल के समाज मे एक नया शब्द ट्रन्ड कर रहा है । हर कहीं अक्षर सुनने को मिल रहा है । खास कर युवाओं में ग्रूप चर्चा में, फिल्मो में, टीवी सीरियल,समाचार, नाटक, वो शब्द है "लव-इन रिलेशनशिप" ।
आज हम जानते है कि आखिर लव-इन रिलेशनशिप होता क्या है, क्या इसे कानूनी रूप से मान्यता हैं ।
भारत में लव-इन रिलेशनशिप पहली बार अस्तिव में चार दशक पूर्व सन् 1978 में ब्रदी प्रसाद बनाम डायरेक्टर आँफ कसोंलिटशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया ओर इसे कानूनी रूप से मान्यता दी । लव-इन रिलेशनशिप का अर्थ है कि शादी की उम्र में एक लडका ओर लडकी अपनी मर्जी से एक ही छत के नीचे रहे बिनां शादी किये उसे लव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है ।लव-इन रिलेशनशिप में दोनों के बीच में शारीरिक संबंध बनाना या बच्चे होना ये आम बात है जो कि उन दोनों कि आपसी समझदारी पर निर्भर करता है ।
लव-इन रिलेशनशिप को पूर्ण रूप से मान्यता नहीं है ।लेकिन हा कानूनी तौर पर शादी कि उम्र में लव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी है ।सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल की उम्र तक के लव-इन रिलेशनशिप सही ठहराया गया है । लेकिन कोर्ट लव-इन रिलेशनशिप को शादी नहीं मानता है ।
आखिर लव-इन रिलेशनशिप इतना चर्चा क्यो में हैं
हाल ही में दिल्ली में श्रद्धा वालकर हत्याकांड के बाद लव-इन रिलेशनशिप एक बार फिर से चर्चा में आया है ।श्रद्धा के लव-इन पार्टनर अफताब पुनावाला पर श्रद्धा की हत्या कर उसके शव के टुकड़ों को अलग-अलग जगह फकने का आरोप लगा है । मीडिया में इस घटना की चर्चा पर एक बार फिर से इस पर बहस छिड़ गया है ।कोई इसे नैतिक बता रहा है,तो कोई अनैतिक लव-इन रिलेशनशिप चर्चा में रहने का दुसरा कारण ये है कि इसमें कपल्स बिना पारम्परिक शादी के बंधन में बंधे ही एक छत के नीचे एक दुसरे के साथ रहे सकते हैं ।
क्या शादीशुदा आदमी बिना तलाक दिये लव-इन रिलेशनशिप में रह सकता है ।
यदि कोई पुरुष या महिला शादीशुदा है ।और अपने पार्टनर को बिना तलाक दिये किसी ओर के साथ लव-इन में रहता/रहतीं हैं ।तो इनको कानूनी रूप से अवैध माना जायेगा ओर IPC कि धारा 494के तहत कानूनीकार्रवाई की जायेगी ।